मछली की प्रेम कहानी सुन कर तो मेरी आंखों में आंसू ही आ गए. हे भगवान! संसार में प्रेम की कितनी कहानियां हैं? नफरत की कहानी हर बार एक ही होती है लेकिन प्रेम के कई रंग होते हैं. मछली मुझसे कह रही थी कि संजय सिन्हा, आपने मच्छरी की एकनिष्ठा की कहानी सबको सुनाई. अब जरा हमारे प्रेम की चर्चा भी अपने परिजनों से कर दीजिए. उन्हें बता दीजिए कि हम तो ऐसे प्रेम को जीते हैं, जिसमें मिलन की गुंजाइश भी नहीं होती. हम सिर्फ मन के आंगन में प्रेम को महसूस भर करते हैं और सृष्टि के चक्र को जीवित रखते हैं.