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संजय सिन्हा सुना रहे हैं अपने एक दोस्त की कहानी...

संजय सिन्हा सुना रहे हैं अपने एक दोस्त की कहानी...

आधुनिकता और पैसा कमाने की होड़ में शायद हमने अपने रिश्तों को भुला दिया है. घर में पति-पत्नी दोनों काम पर जाते हैं और घर में बच्चे नौकरानी के भरोसे छोड़ कर चले जाते हैं.क्या वो नौकरानी उस बच्चे को मां-पिता का प्यार दे सकती है. घर में कोई समझदार व्यक्ति ना होने पर नौकरानी बच्चे के साथ कैसा सलूक करती होगी. साथ ही वो अकेले घर में क्या कर रही है ये कौन जानता है.जब आज के माता-पिता अपने बच्चों को बचपन में ही नौकरों के भरोसे छोड़ दें तो मां-बाप के बुढ़ापे में बच्चा उन्हें ऐसे ही छोड़ देगा इसमें भी हैरानी नहीं होनी चाहिए. आज की कहानी से आपको एक जरूरी सबक मिल सकता है.

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