संजय सिन्हा सुना रहे हैं एक किसान की कहानी कि कैसे जब राजा का काफिला उसके गाजर के खेत के बगल से गुजर रहा था और राजा का मन गाजर खाने का हो गया तो ढेरों कोशिश के बाद भी किसान से गाजर नहीं उखड़े. वहीं जब सेनापति सैनिकों को लेकर खेत में दाखिल हुआ तो सारे गाजर उखड़ गए. वे इस कहानी के माध्यम से राजा की इच्छाशक्ति और जनता की इच्छाशक्ति के बीच का तारतप्य दिखाने का प्रयास करते हैं.