जो लोग रिश्तों में की गई भलाई और कामों को गिनते हैं उनके रिश्तों में ज्यादा मजबूती नहीं होती. सच्चे रिश्तों में किसी भी चीज के लेन-देन का हिसाब किताब नहीं किया जाता. सच्चे मन सो किसी को चाहने वाले कभी हिसाब नहीं लेते. रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए हमेशा सच्चे मन से सेवा करनी चाहिए. दूध और पानी से जुड़ी संजय सिन्हा से सुनिए खुद को समाज और रिश्तों से जोड़ने की कहानी.