संजय सिन्हा सुना रहे हैं प्रेम और एकात्म अनुभूति की कहानी. कैसे अपनी अर्धांगिनी के साथ विषम परिस्थितियां भी आसानी से कट जाती हैं. वे राजा हरिश्चंद्र और उनकी रानी के संघर्ष की कहानी भी बयां कर रहे हैं.