संजय सिन्हा अपने प्रोफेसर और साथ के छात्रों के माध्यम से सुना रहे हैं कि कैसे लोग अपनी लाइफ में सकारात्मकता देखने के बजाय नकारात्मकता की ओर अधिक झुके रहते हैं.  लोग कैसे श्वेत के बजाय स्याह पक्ष पर ही गौर करते हैं.