आज अपनी ही सुनाई एक पुरानी कहानी आपको फिर से सुनाऊंगा. पता नहीं क्यों ये कहानी बार-बार मेरी उंगलियों को उकसा रही है कि संजय सिन्हा तुमने चार साल पहले पहली बार ये वाली कहानी अपने परिजनों को सुनाई थी. तब से अब तक परिजनों की गिनती बहुत बढ़ चुकी है. तुम्हारे परिवार में कई नए सदस्य आए हैं. तुमने ये कहानी तब सुनाई थी, जब तुम सौ लाइक के लिए भी तरसते थे. ये कहानी एक पंडित की है. देखिए पूरा वीडियो.....