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संजय सिन्हा की कहानी: जिंदगी में बीमारी और दुश्मन को कमजोर ना समझें

संजय सिन्हा की कहानी: जिंदगी में बीमारी और दुश्मन को कमजोर ना समझें

मां जिन दिनों बहुत बीमार हो गई थी, तब वो मुझे अपने पास देर रात तक बिठा कर जिंदगी का पाठ पढ़ाया करती थी. मां को पता था कि वो अब बहुत दिनों तक इस संसार में नहीं रह पाएगी, शायद इसीलिए वो अपने संजू बेटे को दुनियादारी का पाठ रोज पढ़ाया करती थी. देखें- 'संजय सिन्हा की कहानी'.

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