सफलता का सिर्फ एक ही पैमाना होता है. वो पैमाना है आईना. जब आप खुद को आईने में देख कर संतोष से मुस्कुरा सकते हैं, तभी आप सफल हैं. अगर आपको सचमुच किसी सफल आदमी का चेहरा देखना हो, तो आईना देखना चाहिए. किसी को धोखा देकर आदमी चाहे जितना सफल नज़र आए, वो आईने के सामने खुद से ही नज़रें चुराता है. जो ईमानदार नहीं होते, उन्हें आईने से डर लगता है.