संजय सिन्हा स्कूल की यादों की कहानी सुना रहे हैं. स्कूल में पलकधारी प्रसाद फिजिक्स के टीचर थे. क्लास में आकर वो कहते कि जिनका पढ़ने का मन नहीं वो क्लास से बाहर चले जाएं. मैं सोचता था कि मास्टर साहब ऐसा क्यों करते हैं. कुछ बच्चे हंसकर क्लास से बाहर निकल जाते थे. अतुल और उदय का नाम मुझे अच्छे से याद है. उन्होंने एक दो बार मुझे भी क्लास से बाहर जाने को कहा.पलकधारी प्रसाद पूरी क्लास में घूम-घूमकर पढ़ाते थे. वो अक्सर कहा करते थे कि बहुत दिनों के बाद जब तुम बड़े हो जाओगे, तब मेरी क्लास में आने वाले भले ही मुझे याद न करें, लेकिन जो मेरी क्लास से बाहर चले जाते हैं वो मुझे जरूर याद रखेंगे. मैं स्कूल से पास आउट हो गया. पलकधारी प्रसाद कभी मुझे याद आए, कभी नहीं. टीवी पर मुझे देखकर एक दिन उदय ने मुझसे बात की. उदय ने मुझसे बात की तो पलकधारी प्रसाद को याद किया. उसने कहा कि पलकधारी मुझे बहुत याद आते हैं. मैं उनकी क्लास से बाहर न जाता तो मेरे काम आता.