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संजय सिन्हा की कहानी: छोटे घर में इंसान सीमेंट का पहरेदार नहीं होता

संजय सिन्हा की कहानी: छोटे घर में इंसान सीमेंट का पहरेदार नहीं होता

प्रणव की इच्छा थी कि वो बड़े घर में रहें इसलिए पिछले दो दिनों से हम जबलपुर में थे, हम अपने कई चाहने वालों के घर गए तो प्रणव भी हमारे साथ थे. हम सिविल लाइंस इलाके से गुजर रहे थे तो प्रणव गाड़ी का शीशा खोलकर वहां बने बड़े घरों को देख रहे थे. मैंने प्रणव को कहा कि खिड़की बंद कर लो एसी चल रहा है तो प्रणव ने कहा कि आप एसी बंद कर दीजिए, मैं यहां घरों को देख रहा हूं. देखें- 'संजय सिन्हा की कहानी' का ये पूरा वीडियो.

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