किसी को पाने की चाहत प्रेम नहीं है, प्रेम का अर्थ है खुद को खो देना. कोई और आपके लिए खुद से ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाए तब वो प्रेम में बदल सकता है. जब कोई आपके लिए इतना जरूरी हो जाए कि आपको खुद के मिट जाने का अहसास भी ना हो तभी वो प्रेम हो सकता है. देखें- 'संजय सिन्हा की कहानी' का ये पूरा वीडियो.