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संजय सिन्हा की कहानीः गांधारी बनकर उजाले को अंधेरे में मत बदलिए

संजय सिन्हा की कहानीः गांधारी बनकर उजाले को अंधेरे में मत बदलिए

गांधारी को अंधेरे से डर लगता था. गांधारी उजाला थीं. पर जब धृतराष्ट्र से उनका विवाह तय हो गया, तो अपने उजाले को उन्होंने अंधकार में बदल लिया. भीष्म ने गांधारी से धृतराष्ट्र का विवाह इसलिए कराया था, ताकि वो भारत के सम्राट की ज़िंदगी में उजाला बन सकें. पर यहां तो उजाला ही अंधकार बन गया था. अगर गांधारी ने अपनी आंखों पर पट्टी नहीं बांधी होती, तो उनके सौ पुत्र भी शायद उजाला होते. गांधारी उजाले से अंधकार में ले जाने का नाम है. लिहाजा आपको गांधारी नहीं बनना चाहिए, बल्कि दूसरों के जीवन को रोशन करना चाहिए. देखिए पूरी कहानी.....

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