संजय सिन्हा की कहानी में आज मां की यादें. बचपन में मैं जब मां के साथ मंदिर जाता तो मां दोनों हाथ जोड़कर भगवान को देखती और मैं मां को देखता रहता. जब मां की पूजा पूरी हो जाती और मां की नज़र मुझ पर पड़ती तो मुझसे कहती कि तुमने भगवान को प्रणाम नहीं किया. इसके बाद मां में मुझे भगवान की महत्ता के बारे में बताया. इस वीडियो में देखें मां ने क्या दी सीख.