मेरी मां बहुत बार कहानी सुनाते-सुनाते रुक जाया करती थी. मेरी आंखें बंद होती थी और मां यह देखने की कोशिश करती थी. उनका बेटा संजू कहीं सो तो नहीं गया. मैं कुछ देर आंखें बंद किये लेटा रहता. सोचता मां अब आगे की कहानी सुनाएगी. लेकिन मां तो चुप हो जाया करती थी. फिर में आचानक आंखें खोलता और पुछता फिर क्या हुआ मां... फिर मां ने संतों की कहानी सुनाई...