संजय सिन्हा आज आपको जो कहानी सुनाने जा रहे हैं, उसका मर्म सिर्फ इतना है कि जिस तरह संजय सिन्हा को उनकी मां कहानियां सुनाती थी क्योंकि उनका उद्देश्य बेटे का चरित्र निर्माण करना था. दुनिया की हर मां का जोर अपने बच्चों के चरित्र निर्माण पर होता है. आप भी सुनिए इस बात को साबित करती ये कहानी.