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संजय सिन्हा की कहानी: सहानुभूति को मरने मत दीजिए

संजय सिन्हा की कहानी: सहानुभूति को मरने मत दीजिए

संजय सिन्हा की ये कहानी है दिल्ली के गांव बन जाने की. इस कहानी में वो बताते हैं कि कैसे सड़क पर चल रहे बैलगाड़ी को हटाने के लिए एक कार में बैठा युवक हॉर्न बजाता है और नहीं हटने पर बेटे से उसकी बुराई करता है. तभी बेटा भी जवाब देता है और उस बैल के प्रति सहानुभूति प्रकट करता है.

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