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संजय सिन्हा की कहानी: अपना रास्ता खुद तय करना होगा

संजय सिन्हा की कहानी: अपना रास्ता खुद तय करना होगा

आदमी अकेला आता है अकेला ही जाता है, रहने के लिए व्यक्ति को एक दूसरे को समझना पड़ता है, अपना मानना पड़ता है. अपना मानने से सफर आसान हो जाता है. ये आप पर निर्भर करता है कि आप रास्ते को अपनों के साथ तय करते हैं कि दूसरों के साथ, सुख के साथ या दुख के साथ.

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