दुश्मन कभी भी और कहीं भी वार कर सकता है, उसे कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए और बचने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए. लेकिन तब क्या करें जब दुश्मन, दोस्त की शक्ल में आए.