अमर सिंह को भारतीय राजनीति में चाणक्य से कम नहीं माना जाता. सियासी संकटों को सुलझाने और समीकरण बनाने में उन्हें महारत हासिल है लेकिन अमर की सियासी चालाकी ही शायद उनकी दुश्मन बन गई. पहले साथियों ने उनका साथ छोड़ा, फिर अमर मुलायम की जोड़ी टूटी और अब तो वो जेल में हैं.