जीवन-बसर के लिए 28 रुपए को उचित ठहराने वाला योजना आयोग केवल शौचालयों के संवारने पर ही 35 लाख रुपए खर्च कर रहा है. इस पर योजना आयोग ने कहा है कि यह एक सामान्य रख-रखाव की प्रक्रिया है.