तेल कंपनियों ने साफ कह दिया है कि साढ़े सात रुपये की बढ़ोतरी जस की तस रहेगी. कंपनियों के मुताबिक वो नहीं चाहती थीं कि पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाएं. लेकिन सरकार ने जब कोई भी मदद नहीं दी तो मजबूर होकर दाम बढ़ाने पड़े. तेल कंपनियां लगातार कहती रही हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढ़े दामों की वजह से उन्हें घाटा हो रहा है.