जब पाप का घड़ा फूटता तो ऐसा ही होता है. आज आसाराम रो रहा है क्योंकि उसके पाप का घड़ा भी फूट गया है. सच ही कहा गया है कि जैसी करनी, वैसी भरनी, आसाराम के साथ भी ऐसा ही हुआ. आश्रम और पूजा-पाठ की आड़ में आसाराम ने ऐसे कुकर्म किए कि इस उम्र में सलाखों के पीछे जिन्दगी गुजारनी पड़ रही है.