देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है और चुनाव जोरों पर हैं. कोई नेता दल बदल रहा है तो कोई दिल. कल तक जो एक दूसरे के दुश्मन हुआ करते थे वे दोस्त बन गए हैं और दोस्त को दुश्मन बनते देर नहीं लग रही.