मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले में आतंकवादियों का मुकाबला करने वाले और शारीरिक रूप से फिट न होने की वजह से सेवाएं देने से मना कर दिए गए एनएसजी के एक पूर्व कमांडो का उक्त दावा न केवल सनसनीखेज है, बल्कि देश के सरकारी तंत्र की पोल खोलने वाला भी है. शर्म की बात तो यह है कि इस पूर्व कमांडो और उनके सहकर्मियों को इनाम में मिली राशि तक भी नहीं दी गई है.