किसान अपने हक की आवाज पिछले 76 दिनों से उठा रहे हैं. पिछले ढाई महीने से दिल्ली के बॉर्डर किसानों के आंदोलन का सेंटर बने हुए हैं. किसान कृषि कानून वापस कराने की मांग के साथ आए थे और आज भी उसी मांग के साथ दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं. सरकार कह चुकी है कि वो मसले का हल चाहती है लेकिन मसले का हल कैसे होगा और बातचीत का रास्ता कैसे बनेगा ये अभी किसी को नहीं पता है. जाहिर है किसान दिल्ली के बॉर्डर पर अपने सब्र का सबसे मुश्किल इम्तिहान दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि आंदोलन के दौरान उनके कई साथियों को जान गंवानी पड़ी है. पर दिल्ली के बॉर्डर आज ढाई महीने बाद भी हक की आवाजों से गूंज रहे हैं. किसानों की बस यही पुकार है कि साड्डा हक एत्थे रख. देखें वीडियो.