किसानों के रुख से ये साफ हो चुका है कि वो अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. आज आंदोलन का 74वां दिन है लेकिन न तो सरकार खेती कानून वापस लेने को तैयार है न किसान कदम खींचते नजर आ रहे हैं. ये मसला सड़क से उठकर संसद तक पहुंच चुका है लेकिन इसका कोई हल नजर नहीं आ रहा है. हक की ये आवाज उठी तो दिल्ली की सरहद पर लेकिन देखते ही देखते देश के कई हिस्सों में फैल गई. 70 दिन गुजरते-गुजरते तो ये लोकल से इंटरनेशनल हो गई. आंदोलन के बॉर्डर से उठा तूफान सनसनाते हुए संसद में दाखिल हो गया. ये आंदोलन की अंधड़ का ही जोर है, जिसकी ताकत ने सरकार को सफाई देने को मजबूर कर दिया. इस आंदोलन के जोर का असर सिर्फ इतना भर नहीं है. असर ये है कि दिल्ली में किसानों के दुबारा दाखिल होने के डर से सरकार को सड़कों की कीलबंदी करनी पड़ी. देखें खास कार्यक्रम, इस वीडियो में.