किसान आंदोलन के 26 दिन पूरे हो गए हैं. 26 दिन बाद सवाल वहीं का वहीं है कि बात बनेगी कैसे और बात आगे बढ़ेगी कैसे? मसला वहीं पहुंच गया है. जहां से शुरु हुआ था. सरकार ने फिर से किसानों को बातचीत का न्योता दिया है. किसानों ने फिर से वही बात दोहराई है, जो वो दोहराते रहे हैं. सवाल है कि क्या सरकार ने बातचीत की पेशकश से पहले कोई तैयारी की है? क्या ऐसा कोई ऑफर तैयार किया गया है जो किसानों को मंजूर हो? जाहिर है किसान साफ कह चुके हैं कि सरकार जब तक अपना रुख नरम नहीं करेगी, तब तक हर बातचीत फेल होती रहेगी. ऐसे में सवाल है कि किसानों और सरकार के बीच गतिरोध टूटेगा कैसे? देखें तेज मुकाबला.