आंदोलन के रास्ते पर किसान इतना दूर निकल चुके हैं कि उन्हें अब मना पाना आसान नहीं है. प्रधानमंत्री ने कल एक बार फिर किसानों को बातचीत का न्योता दिया और कहा कि अगर जरुरी हुआ तो वो कानून में सुधार के लिए तैयार हैं. जाहिर है पीएम ने गेंद किसानों के पाले में डाल दी है. किसानों के रुख से बात बनती हुई नजर नहीं आ रही है. किसानों को कानून वापसी से कम कुछ मंजूर नहीं है. ऐसे में सवाल यही कि मसले का हल निकलेगा कैसे? देखें तेज मुकाबला.