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आजादी के लिए कुर्बान हो गए कांतिकारी

आजादी के लिए कुर्बान हो गए कांतिकारी

पूरा देश जलियावालां की आग में जल रहा था. 1920 में महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की. आदोलन का मकसद बहुत सीधा था बिना किसी हिंसा के अंग्रजों को किसी काम में सहयोग न करना. विदेशी चीजों की होली जलने लगी. लेकिन चौरीचौरा कांड ने सब कुछ बदल दिया.

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