कारगिल की लड़ाई में पटियाला के एक सिपाही ने दुश्मनों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी. लेकिन उसकी शहादत पर सरकार ने दे दी सिर्फ़ वादों की लिस्ट. अब उसके घरवालों ने अपने बेटे की याद में उसकी मूर्ति गुरुद्वारे में लगवा दी है. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए रोज़ सुबह शाम उसकी पूजा की जाती है.