मुम्बई पर 26/11 का हमला करने और 166 बेकसूर लोगों की जान लेने वाले कसाब को पुणे की यरवडा जेल में फंदे पर लटकाया गया. फांसी से पहले अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हे में उसे अफसोस था. वह कह रहा था कि अगले जन्म में भी ऐसी गलती नहीं करेगा. उसने अल्लाह से अपने किए की माफी भी मांगी.