नवरात्रि के पावन अवसर पर आज मां कात्यायनी की महिमा के बारे में बताने जा रहे हैं. पौराणिक कथा के मुताबिक महर्षि कात्यायन ने ईश्वर से मां भगवती को पुत्री के रूप में अपनी संतान प्राप्ति को लिए कठोर जप किया. कात्य गोत्र में जन्म लेने की वजह से देवी का नाम कात्यायनी पड़ गया. षष्ठी के दिन देवी के पूजन में मधु (शहद) का विशेष महत्व बताया गया है. प्रसाद में शहद के प्रयोग से साधक को सुंदर रूप की प्राप्ति हो सकती है.