इमरान खान को पाकिस्तानी सेना ने ही प्रधानमंत्री बनाया और अब सेना ही उन्हें अपने इशारे पर नचा रही है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि पाकिस्तानी विपक्ष खुलेआम यह आरोप लगा रहा है. साथ ही पाकिस्तान में जिस तरह के घटनाक्रम हो रहे हैं उससे भी यह साफ है कि सत्ता पर सेना की पकड़ मजबूत होती जा रही है. अब ताजा घटनाक्रम ही ले लीजिए. 60 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडर को सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। यह इमरान सरकार पर सेना के बढ़ते नियंत्रण का ही संकेत है. इमरान के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही यह आरोप लगने लगे थे कि सेना ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए चुनाव में धांधली की। अब तो विपक्ष खुलेआम आरोप लगा रहा है. पाकिस्तान में ऐसा पहली बार है कि सेना विपक्षी दलों के निशाने पर है. इससे पहले सेना पर इस तरह खुलेआम हमला नहीं किया गया था। हमला इमरान सरकार पर भी खूब हो रहा है. 11 विपक्षी दलों की एकता ने इमरान खान के पसीने छुड़ा दिए हैं. उनकी कुर्सी डोलती नजर आ रही है. खासकर सामूहिक इस्तीफा देने के विपक्षी दलों के फैसले के बाद उनकी स्थिति और खराब और कमजोर हुई है. ऐसे में इमरान को सिर्फ और सिर्फ सेना का सहारा है, लेकिन सेना लगातार सरकार पर अपना नियंत्रण मजबूत करती जा रही है.