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क्या वाकई महंगे पेट्रोल-डीजल पर मजबूर हैं सरकारें? देखें

क्या वाकई महंगे पेट्रोल-डीजल पर मजबूर हैं सरकारें? देखें

क्या वाकई महंगे पेट्रोल डीजल पर सरकारें मजबूर हैं. सरकार का कहना है कि पेट्रोल कंपनियां कीमतें तय करने के लिए आजाद हैं. सरकार की ये भी दलील है कि दाम तय करने में उसका कोई रोल नहीं है. सरकार ये भी कहती है कि दाम तय करने का जो तरीका इस्तेमाल होता है वो दशकों से चला आ रहा है और देश जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल बाहर से मंगाता है. सरकार ये भी तर्क देती है कि इंटरनेशनल मार्केट में जो कीमत होती है पेट्रोल डीजल की कीमतें देश में उसी हिसाब से बदलती हैं. देखें ये रिपोर्ट.

Petrol and diesel prices have been rising to record high levels. Yet a divided and seemingly weak Opposition, multiple protests over ideological issues and a pandemic-hit economy seem to work favorably for the government on fuel price issue.

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