किसान आंदोलन सुलझने के इंतजार में बात बढ़ते-बढ़ते 75वें दिन तक पहुंच चुका है. किसानों को उम्मीद थी कि आज नहीं तो कल सरकार उनकी बात मान लेगी. वहीं सरकार इस भरोसे में थी कि 11 राउंड बातचीत के बाद कोई ना कोई हल तो निकल ही आएगा, ना तो किसान सरकार से अपनी बात मनवा सके और ना ही सरकार किसानों को समझा बुझा कर वापस भेज सकी. इन 74 दिनों में बात तो नहीं बनी अलबत्ता कई किसानों को अपनी जिंदगी से हाथ जरुर धोना पड़ा. किसान संगठनों की माने तो अब तक 208 किसानों की जान आंदोलन के दौरान जा चुकी है. दावा है कि 13 किसानों ने कृषि कानून के विरोध में खुदकुशी की है. जाहिर है ये आंकड़ा किसी का भी दिल दुखाने वाला है. ऐसे में सवाल है कि क्या अब किसान पीएम मोदी की सुनेंगे? जो गारंटी किसानों को प्रधानमंत्री ने दी है, क्या किसान उसे मानकर आंदोलन खत्म करेंगे? देखें तेज मुकाबला.