मेरे बेटे का सिर लेकर आओ...यही अल्फाज़ थे जब शहीद लांसनायक हेमराज का शव मथुरा के उनके गांव पहुंचा. लेकिन मातम में डूबा गांव अपने इस सपूत पर नाज कर रहा है. उसके एक सिर ने इस देश के सवा सौ करोड़ सिर को ऊंचा कर दिया है.