किसानों ने बजट के दिन होने वाले अपने संसद मार्च को टाल दिया है. जाहिर है 26 जनवरी को हुई हिंसा का दबाव किसान नेताओं के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है. हिंसा के साइड इफेक्ट भी अब आंदोलन में दिखने लगे हैं. दो गुटों ने किसान आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है. आंदोलन में नरम और गरम मिजाज नेताओं के बीच मतभेद की पर्ते भी खुलने लगी हैं. किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन 'भानु' ग्रुप के पिछले 63 दिनों से या यूं कह लिजिए कि जब से केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून पास किए हैं तब से इसका विरोध कर रहे थे. लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में जो कुछ हुआ उसके बाद अब ये संगठन इस आंदोलन से अलग होने का ऐलान कर चुके हैं. देखें वीडियो.
Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan and the Bharatiya Kisan Union's Bhanu faction on Wednesday announced that they were withdrawing from the ongoing farmers' protest in wake of violence that took place during tractor parade on Republic Day. Watch the video for more information.