दो दिन पहले ऐसा कोहराम मचा कि चारों तरफ आग ही आग, धुआं ही धुआं दिखाई दे रहा था. एक साथ रहने वाले आमने-सामने थे. एक-दूसरे के खून के प्यासे. आजाद हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सहारनपुर सुलग उठा था. दंगों की आग में.