5जी नेटवर्क
1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद, 5G ब्रॉडबैंड सेल्यूलर नेटवर्क के लिए पांचवीं पीढ़ी का प्रौद्योगिकी मानक है (5G broadband cellular networks). सेल्यूलर फोन कंपनियों ने 2019 में दुनियाभर में इस तकनीक का इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है. किसी भी अन्य वायरलेस सेल्यूलर नेटवर्क की तरह, इसमें सेवा क्षेत्र को छोटे भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिन्हें सेल कहा जाता है. सभी 5G वायरलेस डिवाइस सेल में एक स्थानीय एंटीना के माध्यम से रेडियो तरंगों द्वारा इंटरनेट और टेलीफोन नेटवर्क से जुड़े होते हैं (5G fifth generation technology).
5 जी नेटवर्क का मुख्य लाभ अधिक बैंडविड्थ और उच्च डाउनलोड गति और तेज रफ्तार से होगा. 5जी टेक्नोलॉजी के बाद इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं को डाटा की हाई डेन्सिटी मिलेगी, बेहतर कवरेज मिलेगा और मोबाइल उपकरणों की बैटरी भी कम खर्च होगी. मई 2013 से ही इस तकनीक पर काम शुरू हो गया था. सेल्यूलर नेटवर्क में उपयोग की जाने वाली निम्न और मध्यम बैंड आवृत्तियों (Medium Frequency Band) के अलावा अतिरिक्त हाई फ्रीक्वेंसी (High Frequency) रेडियो तरंगों के कारण 5G नेटवर्क की गति बढ़ जाती है (5G Network Speed).
अधिक बैंडविड्थ, लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर के लिए सामान्य इंटरनेट सेवा देने वाले 5 जी नेटवर्क के उपयोग में बढ़ोतरी होगी. 5जी टेक्नोलॉजी के विकास के लिए, 5जी फोरम बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं. इन फोरम पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, वायरलेस कम्युनिकेशन एक्सपर्ट, मोबाइल हैंडसेट कम्पनियां, मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियां, विभिन्न देशों की सरकारें आपसी समन्वय और सहयोग से काम कर रही हैं (5G Network).