आदित्य उद्धव ठाकरे ने (Aaditya Thackeray) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मुंबई के वर्ली सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की (Assembly Election 2024). वे महाराष्ट्र सरकार में उच्च शिक्षा कैबिनेट मंत्री, पर्यटन और पर्यावरण कैबिनेट मंत्री पद पर थे.
वह महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री और शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के बेटे (Aaditya Thackeray father) और बालासाहेब ठाकरे के पोते हैं (Aaditya Thackeray grandfather). वह शिवसेना की युवा शाखा युवा सेना के अध्यक्ष हैं. उन्हें 30 दिसंबर 2019 को राज्य कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था.
आदित्य का जन्म 13 जून 1990 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था (Aaditya Thackeray age). उनकी माता का नाम रश्मि ठाकरे है (Aaditya Thackeray mother). उनका एक छोटा भाई है जिसका नाम तेजस है (Aaditya Thackeray brother). उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल से पूरी की. ठाकरे ने बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने किशनचंद चेलाराम लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की (Aaditya Thackeray education).
अक्टूबर 2019 में, ठाकरे ने मुंबई में वर्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव लड़ा और विजयी हुए. वह चुनाव लड़ने और जीतने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं. वह 30 दिसंबर 2019 को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में पर्यटन, प्रोटोकॉल और पर्यावरण के कैबिनेट मंत्री बने (Aaditya Thackeray political career).
शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से तुलना करते हुए कहा गया कि योगी शायद अलग तरह से कार्रवाई करते, जबकि महाराष्ट्र के सीएम को कार्रवाई करने में दो दिन लगते हैं.
उद्धव ठाकरे अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर पूरे लाव लश्कर के साथ अयोध्या गये थे, फिर वो कैसे भूल गये कि उनके महाकुंभ न जाने पर सवाल नहीं उठेंगे? अखिलेश यादव ने संगम में डुबकी लगाकर साबित कर दिया है कि वो सनातन विरोधी नहीं हैं - और उद्धव ठाकरे ये मौका चूक गये हैं.
दिल्ली चुनाव में अपनी हार के लिए अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के मुकाबले राहुल गांधी को ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं, और विपक्षी खेमे में ममता बनर्जी की तरह कांग्रेस के खिलाफ नेताओं को लामबंद करने लगे हैं - आदित्य ठाकरे से मुलाकात भी उसी मुहिम का हिस्सा है.
इंडिया गठबंधन में पिछले कुछ दिनों से फूट की खबरें आ रही है. इसी की बानगी दिल्ली चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच देखने को मिली. हालांकि अब फिर से इंडिया गठबंधन में पड़ी दरार को भरने की कोशिश हो रही है. इसी सिलसिले में आज शिवसेना (UBT) के नेता दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचे थे.
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि हमें लगता है कि नगर विकास मंत्री पर अन्याय हुआ है और वह उनके चेहरे पर दिख रहा है. नगर विकास विभाग के सारे अधिकारियों को लेकर गए फिर एकनाथ शिंदे को क्यों नहीं लेकर गए, हमें नहीं पता. उन्हें पास मिला था, या नहीं मिला था. इसकी जानकारी नहीं है. और एक चीज सामने आई है कि बड़े पैमाने पर बिल्डर्स के साथ एमओयू किए गए हैं. अब बिल्डर्स ने पहले से जगह खरीद ली है.
मुंबई को अपनी 'मातृभूमि' बताते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि इसे पाने के लिए 'मराठी माणूस' ने अपना खून बहाया है. आदित्य कर्नाटक कांग्रेस के विधायक लक्ष्मण सावदी के बयान का जिक्र कर रहे थे जिन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र में नेता बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग कर रहे हैं, तो मुंबई को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए.
मुंबई का एक शादी समारोह महाराष्ट्र की राजनीति में नये कयासों को हवा दे रहा है - क्योंकि, चर्चा ये हो रही है कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे बीएमसी चुनावों में हाथ मिला सकते हैं.
उद्धव ठाकरे के लिए समाजवादी पार्टी की चुनौती उतनी बड़ी नहीं है, जितनी हिंदुत्व की राजनीति में घर वापसी. अगर वो हिंदुत्व के एजेंडे पर लौटने का फैसला करते हैं, तो भी उनको पहले के मुकाबले ज्यादा आक्रामक रुख दिखाना होगा.
शिवसेना उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने समाजवादी पार्टी को भाजपा की 'बी टीम' बताया है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव उनकी लड़ाई में उनके साथ हैं, लेकिन महाराष्ट्र की समाजवादी पार्टी कभी-कभी भाजपा की बी टीम जैसा व्यवहार करती है. यह टिप्पणी मिलिंद नार्वेकर की एक पोस्ट के जवाब में आई है. देखें ये वीडियो.
आदित्य ठाकरे ने कहा, "मैं मुंबई की समाजवादी पार्टी के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता हूं. अखिलेश जी तो हमारे साथ लडाई लड़ रहे हैं, लेकिन प्रदेश में उनके कुछ नेता बीजेपी की मदद करते हैं और कभी-कभी उनकी बी-टीम के जैसा बर्ताव करते हैं."
महाराष्ट्र विधानसभा में आज विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह का महाविकास अघाड़ी ने बहिष्कार किया. ईवीएम के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हुए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह मैंडेट जनता का नहीं, बल्कि ईवीएम और चुनाव आयोग का है. देखें ये वीडियो.
महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा का विशेष सत्र तीन दिनों के लिए बुलाया गया. फडणवीस की नई सरकार में विधानसभा के पहले दिन विपक्षी विधायकों ने ईवीएम को लेकर पहले अपना विरोध जताया और फिर सदन से वॉकआउट किया. वहीं, आदित्य ठाकरे बोलें कि उन्हें ईवीएम पर शक है. तो अजित पवार ने कहा, चुनाव आयोग के पास जाएं.
राज ठाकरे के लिए तो सबसे खराब बात ये रही कि उनके बेटे अमित ठाकरे अपना पहला ही चुनाव हार गये, और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की वजह से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने अपनी सीट बचा ली.
महाराष्ट्र चुनाव में आदित्य ठाकरे ने वर्ली सीट 8,000 वोटों से जीत ली है. आदित्य को 60,606 वोट मिले, जबकि उनके सामने खड़े हुए प्रत्याशी शिवसेना (शिंदे गुट) के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को 52,198 वोट ही मिल सके.
महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति में शामिल बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी सभी दलों के विधायक अपने अपने नेता को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं. दावेदारी अपनी जगह है, लेकिन अब तक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है - कुछ मसले ऐसे हैं जो एकनाथ शिंदे के इर्द-गिर्द देखे और समझे जा सकते हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति को बंपर जीत मिली है. महायुति 226 तो एमवीए महज 53 पर सिमटी हुई नजर आ रही है. वर्ली विधानसभा सीट पर शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने जीत दर्ज की है. आदित्य ने 81,000 वोट से मिलिंद देवड़ा को हराया है. देखें वीडियो.
मिलिंद देवड़ा ने आज तक के साथ बातचीत में कहा कि महायुती सरकार को हैट्रिक मिलने जा रही है. उन्होंने इसे महाराष्ट्र के जनता के सहयोग का नतीजा बताया.मिलिंद देवड़ा ने स्वर्गीय पिताजी और बाला साहेब ठाकरे के अच्छे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि ये कोई पर्सनल लड़ाई नहीं है. देखिए VIDEO
आदित्य ठाकरे ने कहा, 'सभी को पता है कि महायुति अब महायुति नहीं 'महाझूठी' है और उन पर कोई विश्वास नहीं करता है. यही वजह है कि उन्हें दूसरे राज्यों से प्रचारकों, मुख्यमंत्रियों को प्रचार के लिए बुलाना पड़ रहा है. लेकिन महाराष्ट्र अब बीजेपी और एकनाथ शिंदे पर भरोसा नहीं करता है जिन्होंने पिछले दो साल में महाराष्ट्र को लूटा है.'
महाराष्ट्र चुनाव में कहने को तो लड़ाई सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास आघाड़ी के बीच है, लेकिन साथ में कई सियासी घरानों के वारिस भी किस्मत आजमा रहे हैं. आदित्य और अमित ठाकरे ही नहीं, कई दिग्गज नेताओं के लाड़ले और लाड़लियां भी मैदान में कूद पड़े हैं - और सभी के लिए मुश्किलें लगभग बराबर ही नजर आ रही हैं.
असली-नकली शिवसेना की लड़ाई के लिहाज से निर्णायक माने जा रहे महाराष्ट्र चुनाव में वर्ली की फाइट रोचक हो गई है. वर्ली सीट से आदित्य ठाकरे के खिलाफ शिंदे की शिवसेना ने मिलिंद देवड़ा को उम्मीदवार बनाया है. शिंदे की शिवसेना के इस दांव के पीछे क्या रणनीति है?
माहिम सीट से उद्धव ठाकरे खेमे से महेश सावंत, शिंदे खेमे से सदा सरवणकर और MNS से अमित ठाकरे मैदान में हैं. अमित कहते हैं कि वो शिवसेना के दोनों खेमों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं. आजतक को दिए इंटरव्यू में अमित ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने पिता से कहा है कि वे मेरी जीत को आसान बनाने के लिए किसी भी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से समझौता ना करें.