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आज का पंचांग

आज का पंचांग

आज का पंचांग

भारत की सांस्कृतिक विरासत में पंचांग (Panchang) का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. यह न केवल धार्मिक कार्यों के लिए उपयोगी है, बल्कि दैनिक जीवन में शुभ मुहूर्त, व्रत, त्योहार और ग्रहों की स्थितियों की जानकारी भी पंचांग के माध्यम से मिलती है.

आज पंचांग की जानकारी मोबाइल एप्स और वेबसाइट्स के माध्यम से भी उपलब्ध है. डिजिटल पंचांग अब रोजाना की जरूरत बन चुका है, जिससे लोग अपनी दिनचर्या को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से संतुलित कर सकते हैं. आजतक चैनल और वेबसाइट (Aaj Tak Channel and Website) भी अपने दर्शकों और पाठकों के लिए हर रोज 'आज का पंचांग' (Aaj Ka Panchang) प्रस्तुत करता है, जिसमें शुभ मुहूर्त, सही समय सहित सभी सटीक जानकारी दी जाती है. 

आइए जानते हैं कि आखिर पंचांग होता है और इसका अर्थ क्या है. 'पंचांग' शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है- पंच (अर्थात पांच) और अंग (अर्थात भाग). इसका अर्थ है पांच अंगों वाला ग्रंथ. पंचांग हिन्दू कालगणना का आधार है, जिसमें दिन-प्रतिदिन की खगोलीय स्थितियों और शुभ-अशुभ योगों का विवरण होता है.

पंचांग के पांच मुख्य इस तरह हैं-

वार (दिन)- रविवार से शनिवार तक सात वार होते हैं. प्रत्येक वार किसी विशेष ग्रह से जुड़ा होता है, जैसे रविवार सूर्य से और सोमवार चंद्र से.

तिथि (चंद्र दिवस)- चंद्र मास के प्रत्येक पक्ष में 15-15 तिथियां होती हैं. तिथि चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होती है, जैसे प्रतिपदा, द्वितीया, त्रयोदशी आदि.

नक्षत्र (तारा मंडल)- चंद्रमा 27 नक्षत्रों से होकर गुजरता है. प्रत्येक नक्षत्र का विशेष महत्व होता है और उसका असर व्यक्ति की कुंडली व दिन के मुहूर्त पर पड़ता है.

योग- सूर्य और चंद्रमा की गति के अनुसार 27 योग होते हैं. यह शुभ व अशुभ कार्यों की योजना के लिए देखा जाता है.

करण- एक तिथि के आधे भाग को करण कहा जाता है. कुल 11 करण होते हैं, जिनमें से कुछ स्थायी और कुछ अस्थायी होते हैं.

शुभ मुहूर्त निर्धारण- विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश, वाहन खरीद आदि कार्यों के लिए पंचांग से शुभ मुहूर्त निकाला जाता है.

व्रत और त्योहार- एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या, संक्रांति जैसे पर्व पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं.

ज्योतिषीय गणनाएं- कुंडली निर्माण, ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति, और राशिफल के लिए पंचांग आवश्यक होता है.

खेती-बाड़ी में सहायक- पारंपरिक कृषि में पंचांग देखकर बुआई और कटाई की जाती थी.

 

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