आजतक डिजिटल ग्राउंड रिपोर्ट्स (Aajtak Digital Ground Reports) के जरिए हम देश-दुनिया से जुड़ी खबरों को विस्तार से पेश करते हैं. आजतक डिजिटल टीम के पत्रकार ग्राउंड पर जाकर ख़बरों के पीछे की असल कहानी जानने की कोशिश करते हैं, जिससे पाठक 360 डिग्री कवरेज से रूबरू होते हैं. आजतक डिजिटल की पैनी नज़र देश-दुनिया में हो रहे हर घटनाक्रम पर होती है. खबरों के पीछे की असली खबर जानने के लिए पढ़ते रहें आजतक डिजिटल की ग्राउंड रिपोर्ट्स (Aajtak Digital Ground Reports).
Ramnath Goenka Awards: देश के सबसे प्रतिष्ठित पत्रकारिता पुरस्कारों में शामिल रामनाथ गोयनका अवॉर्ड्स में इस बार भी इंडिया टुडे ग्रुप (ITG) ने अपना परचम लहराया है. ITG को कुल चार अवॉर्ड मिले. इसमें aajtak.in की विशेष संवाददाता मृदुलिका झा को साल 2023 में उनकी स्टोरी के लिए हिन्दी कैटेगरी के रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवॉर्ड से नवाजा गया है. आजतक न्यूज चैनल के डिप्टी एडिटर आशुतोष मिश्रा को एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म: पॉलिटिक्स एंड गवर्नमेंट (टीवी और ब्रॉडकास्ट) की कैटेगरी में अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इसके साथ इंडिया टुडे डिजिटल के असिस्टेंट एडिटर शिबू त्रिपाठी को भी रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिला है. शिबू त्रिपाठी को ये अवॉर्ड जोशीमठ की कवरेज के लिए प्रदान किया गया है. इसी तरह 'द लल्लनटॉप' के एसोसिएट एडिटर सिद्धांत मोहन को उनकी 'केरल स्टोरी' के लिए रामनाथ गोयनका अवॉर्ड से नवाजा गया है.
गुड़गांव के सेक्टर 89 में Greenopolis प्रोजेक्ट में करीब 1800 लोगों ने अपने सपनों का आशियाना बुक कराया था, लेकिन दो बिल्डरों के आपसी विवाद के चलते लोगों को उनके घर की चाबी नहीं मिली और सालों से उनका इंतजार खत्म नहीं हो रहा है. इस प्रोजेक्ट में करोड़ों के फ्लैट हैं, लोगों ने अपनी सारी सेविंग्स लगा दी, लेकिन उनको अब ये तक पता नहीं है कि उनका फ्लैट कभी मिलेगा भी की नहीं.
नोएडा के सेक्टर 117 में स्थित Uniworld Gardens के 200 से अधिक फ्लैट खरीदारों का 15 साल लंबा इंतजार अब टूटने लगा है. बिल्डर ने घर बेच दिए, लेकिन कंश्ट्रक्शन का कोई अता-पता नहीं. सरकार से लेकर प्रशासन तक कई बार गुहार लगाई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला!
Greater Noida West के Shivalik Homes 2 में लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर फ्लैट बुक कराए. सपनों का घर पाने की उम्मीद जगी लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली. कुछ समय तक कंस्ट्रक्शन चला, फिर अचानक काम रुक गया और अब 10 साल से यह प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है. जहां लग्जरी होम बनने थे, वहां अब एक खंडहर खड़ा है. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.
बिजयनगर की स्कूली बच्चियों के साथ एक खास पैटर्न में हुई घटना की तुलना 1992 के अजमेर रेप ब्लैकमेल कांड से हो रही है. ये भी कहा जा रहा है कि सूबे में ग्रूमिंग गैंग एक्टिव हो चुका, जो एक खास धर्म की लड़कियों को टारगेट कर सकता है. मामले की जांच के लिए SIT बन चुकी. जमीनी पड़ताल में अब तक क्या-क्या दिखा...
Greater Noida West के Supertech Eco Village 2 कई लोगों को अपने सपनों के घर इंतजार आज भी है, और जिन्हें फ्लैट मिला भी, वे अपनी जान हथेली पर रखकर रहने को मजबूर हैं. देखिए हमारी सीरीज 'अपना घर, सपना भर' में आज Supertech Eco Village 2 के बायर्स की हकीकत.
Greater Noida West में Amrapali Dream Valley के सैकड़ों फ्लैट खरीदार अपने घर के इंतजार में सालों से परेशान हैं. लंबे वक्त से पजेशन न मिलने के कारण कई लोग EMI और किराए की दोहरी मार झेल रहे हैं. बढ़ते आर्थिक दबाव के बीच अब उनका सब्र जवाब देने लगा है, लेकिन उन्हें यह तक नहीं पता कि उनका सपना कब पूरा होगा या पूरा होगा भी या नहीं.
ताले और तालीम का ज़िक्र होते ही, जिस तरह अलीगढ़ का ज़िक्र होता है, बिल्कुल उसी तरह राष्ट्रपति की शेरवानी का ज़िक्र होते ही अलीगढ़ के तस्वीर महल इलाक़े से ताल्लुक रखने वाले एम हसन टेलर की चर्चा होती है.
जिस तरह ताले और तालीम की बात आती है, तो अलीगढ़ (Aligarh) का ज़िक्र होता है, बिल्कुल उसी तरह राष्ट्रपति की शेरवानी का ज़िक्र होते ही अलीगढ़ के तस्वीर महल इलाक़े से ताल्लुक़ रखने वाले मेहंदी हसन टेलर की चर्चा होती है. मेहंदी हसन टेलर की शॉप से पूर्व राष्ट्रपति डॉ ज़ाकिर हुसैन से लेकर रामनाथ कोविंद तक के लिए शेरवानी बनवाई गई.
दिल्ली से महज कुछ घंटों की दूरी पर बसा पंजाब आंच पर रखी हांडी की तरह खदबदाता रहता है. कभी ड्रग्स, कभी NRI आबादी तो कभी अलगाव की मांग. इस शोरगुल के बीच वहां कुछ और भी बदल रहा है. बेहद नामालूम ढंग से सूबे की बड़ी आबादी ईसाई हो चुकी. इन 'बदले हुओं' की पहचान मुश्किल है. वे नाम-धाम नहीं बदलते, बस घरों से गुरु ग्रंथ साहिब को हटा जीसस को ले आते हैं.
देर रात मैं एक कॉल करती हूं. सिरदर्द की शिकायत के साथ. लेकिन किसी अस्पताल नहीं, बल्कि एक प्रेयर-लाइन पर. उस पार की आवाज ‘तौबा की प्रार्थना’ करवाती है. इसके बाद ‘चंगाई की प्रेयर’. आवाज तसल्ली देती है- सिस्टर, आप यीशू को याद करो. दर्द उठे तो फिर कॉल करना. मैंने अलग-अलग नंबरों पर अलग-अलग वक्त में ऐसे कई फोन किए. इमरजेंसी सर्विस की तेजी से काम करते ये नंबर पेंटेकोस्टल चर्चों के हैं. लगभग पूरा पंजाब ऐसे चर्च और मिनिस्ट्रीज से अटा हुआ.
पंजाब की ड्योढ़ी में मसीही बैठकी आज की बात नहीं. 18वीं सदी में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मिशनरियों को छूट मिल गई और उन्होंने जमकर प्रचार शुरू किया. लुधियाना और अमृतसर उनका हेड ऑफिस था. मामला इतना बढ़ा कि आर्य समाज ने शुद्धि आंदोलन शुरू कर दिया. जो जहां था, वहीं सिमटकर रह गया. लेकिन कुछ दशकों के लिए ही. अब कथित तौर पर हर बड़े शहर के हर मोहल्ले में एकाध होम चर्च और कोई न कोई मिनिस्ट्री मिलेगी.
हजारों युवा, जो कभी अमेरिका और कनाडा में सुनहरे भविष्य का सपना लेकर गए थे, अब सच्चाई से सामना करने के बाद घर लौट रहे हैं. नौकरी की कमी, महंगा रहन-सहन और अप्रवासी नीतियों की सख्ती ने उनके विदेश में बसने के सपने को तोड़ दिया है. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.
अमेरिका में अवैध रूप से रहते भारतीयों की घरवापसी शुरू हो चुकी. आज 100 से कुछ ज्यादा भारतीय अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे. इनमें सबसे ज्यादा लोग पंजाब से हैं. इससे कुछ रोज पहले ही aajtak.in ने पंजाब के NRI बेल्ट कहलाते जालंधर और कपूरथला में ऐसे लोगों से मुलाकात की, जो यूएस से डिपोर्ट किए जा चुके. कुछ ऐसे चेहरे भी थे, जो कनाडा से 'लॉन्ग लीव' पर आ चुके हैं, कभी न जाने के लिए.
Delhi Assembly Election 2025: पिछले तीन विधानसभा चुनावों में दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी को ही सत्ता सौंपती आ रही है. सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी ही बाजी मारेगी या दिल्ली में बदलाव की बयार बहेगी.
नब्बे का दौर था, जब अमीना बेगम को एयरपोर्ट स्टाफ ने रेस्क्यू किया. हैदराबाद की इस 11-साला बच्ची का 6 हजार रुपयों के बदले सऊदी के बुजुर्ग शेख से निकाह हो चुका था. दिनों तक इस खबर पर शोर मचता रहा. फास्ट फॉरवर्ड टू 2024... गल्फ देशों के अमीर अब इलाज के बहाने शहर आते और शॉर्ट टर्म शादी कर लौट जाते हैं. 6 दिनों से लेकर 6 महीने तक चलने वाली इन शादियों में एजेंट भी हैं, ‘ब्रोकरनी’ भी, हैदराबादी आंटी भी और वर्जिनिटी का भ्रम देने वाले नुस्खे भी…
निजामों के वक्त में उनकी बेशुमार दौलत की रखवाली के लिए यमन से सैनिक आए. वे स्थानीय महिलाओं से शादियां करने लगे. निजामी शासन बीतने के साथ बहुत से लोग अरब चले गए. जो बाकी रहे, वे छूटे हुए तार जोड़ने के फेर में उलझते चले गए. यहीं से शुरुआत हुई शेख मैरिज की. हैदराबाद की लड़कियों की अरब देशों के पुरुषों से शॉर्ट-टर्म शादियां हो रही हैं.
‘स्कूल से लौटी थी, जब दालान में एक नया चेहरा दिखा. शेख अंकल! वे घर की अकेली कुर्सी पर जमे हुए थे. सामने खाने-पीने की चीजें सजी हुईं. वो मुझे गोद में बिठाकर गुदगुदी करने लगे. दो-चार दिनों बाद हमारा निकाह हो गया. छूने पर रोती तो अम्मी डांटतीं- ‘वो शौहर हैं, जो करें, करने दे’. पंद्रह दिन होटल में रखने के बाद अंकल गायब हो गए. बाद में जाना- ये शेख मैरिज थी.’
झारखंड विधानसभा चुनाव में बांग्लादेशियों की घुसपैठ और आदिवासी लड़कियों से उनका संबंध सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. पहले ये डर लोकल नेता दबी जबान में जताते थे. धीरे से चिंगारी भड़की. अब हाल ये हैं कि लगभग सभी पार्टियां इसपर कुछ न कुछ कह रही हैं, फिर चाहे वो सबूत देना हो, या आरोप को झुठलाना. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रोटी-बेटी-माटी को बचाने की गुहार लगा डाली. aajtak.in ने महीनों पहले ही ग्राउंड पर जाकर उन तमाम जिलों के हालात देखे, जहां ये समस्या सबसे ज्यादा बताई जा रही है.
अफगानिस्तान में आतंकवाद, बंदूक का जोर और जुल्म का साम्राज्य है लेकिन समाज में फैली एक बुराई कहें या कुरीति जिससे न समाज पीछा छुड़ा पा रहा है न धर्म के नाम की चाबुक. ये समस्या है बच्चा-बरीश या बच्चा बाजों की. इसके लिए तालिबान के ताकतवर कमांडर या लड़ाके गरीब घरों पर नजर रखते हैं... पढ़ें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.
तालिबान के आने के साथ ही अफगानिस्तान एक किले में तब्दील हो चुका है. मगरमच्छों और जहरीले सांपों से घिरे इस किले में दुनिया की कोई ताकत सेंध नहीं लगा पाती. न ही खबरें बाहर आ पाती हैं, सिवाय छनी हुई बातों के. वहां औरतें-बच्चे बदहाल हैं. पुरुष नाखुश हैं. लेकिन कमांडर, जिनपर तालिबानी सिस्टम लागू करवाने का जिम्मा है, उनके हालात भी खास अच्छे नहीं.