जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय (गांगुली) जज बनने से पहले उन्होंने 24 वर्षों तक वकालत की. वह 2 मई 2018 को कलकत्ता हाई कोर्ट के एडिशनल जज बने, फिर 2020 में उन्हें प्रमोट होकर स्थायी जज बने. अब उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया है.
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्यायने कहा कि उन्होंने अब राजनीति में उतरने का फैसला किया है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें मैदान में आकर लड़ने की चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से खुश नहीं हैं और राज्य के लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं.
कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं 7 मार्च को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहा हूं' जस्टिस अभिजीत इसी साल अगस्त में सेवानिवृत्त होने वाले थे.
जगदंबिका पाल ने कहा कि, कल्याण बनर्जी ने बोतल तोड़कर टूटे बोतल से मुझे मारने की कोशिश की थी. आजतक से खास बातचीत में उन्होंने कहा की 'जेपीसी मीटिंग में मंगलवार को जेपीसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने जिस तरह की के हरकत की है उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और तमलुक सीट से बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय विवादों में घिर गए हैं. चुनाव आयोग ने गंगोपाध्याय के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी है. गंगोपाध्याय के खिलाफ टीएमसी ने शिकायत की थी और सीएम ममता बनर्जी पर अमर्यादित टिप्पणी किए जाने का आरोप लगाया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गांगुली विवादों में हैं. कारण है उनका एक बयान. जस्टिस गांगुली ने एक बांग्ला चैनल से कहा था कि वह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे में से किसी एक का चुनाव नहीं कर सकते.
पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट से बीजेपी उम्मीदवार कोलकाता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अभिजीत गांगुली गांधी और गोडसे पर अपने बयान से विवाद में घिर गए हैं. इस पर कांग्रेस ने अभिजीत गांगुली के इस्तीफे की मांग की है. अभिजीत गांगुली के किस बयान पर बवाल मचा है? देखें.
बीजेपी उम्मीदवार अभिजीत गांगुली ने गांधी-गोडसे पर आजतक के डिबेट शो में एक बयान दिया जिसके बाद सियासी घमासान मच गया. बता दें, बीजेपी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार बनाया है. उनकी एक टिप्पणी पर कांग्रेस ने उन्हें घेरा है. देखें क्या बोले अभिजीत गांगुली.
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गांगुली ने एक बंगाली चैनल के साथ बातचीत में कहा था कि वह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे में से किसी एक का चुनाव नहीं कर सकते. जस्टिस गांगुली ने कहा कि उन्हें लगता है कि गांधी की हत्या के लिए उन्हें गोडसे के तर्कों को समझना पड़ेगा.
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश पद से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी में शामिल होने वाले अभिजीत गांगुली ने शनिवार को राजनीतिक रैली की. बीजेपी द्वारा आयोजित इस रैली में अभिजीत गांगुली ने पश्चिम बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा. गांगुली ने कहा कि 'पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए'. देखें वीडियो.
भाजपा में शामिल हुए कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गांगुली ने अपनी पहली राजनीतिक रैली में टीएमसी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ी हुई है और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.
TMC की युवा नेत्री शायोनी घोष ने भाजपा में शामिल हुए कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभिजीत गांगुली पर निशाना साधा है. घोष ने कहा है कि जस्टिस अभिजीत गांगुली गोमूत्र से कुल्ला करके फैसला सुनाते थे. अभिजीत गांगुली का नाम लिए बगैर टीएमसी युवा नेत्री शायोनी घोष ने जस्टिस पर हमला बोला है.
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस्तीफा देने के बाद कहा था कि उन्होंने अब राजनीति में उतरने का फैसला कर लिया है, क्योंकि टीएमसी ने उन्हें मैदान में आकर लड़ने की चुनौती दी थी.
पूर्व जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय का कहना है कि उन्होंने अब राजनीति में उतरने का फैसला किया है, क्योंकि टीएमसी ने उन्हें मैदान में आकर लड़ने की चुनौती दी थी. गौर करने वाली बात ये है कि अभी तक उन्होंने इस पर खुल कर बात नहीं की है कि वो किस लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे.
जज से राजनेता बनने के बारे में पूछे जाने पर गंगोपाध्याय ने कहा कि मैं सात दिनों की छुट्टी पर था, और छुट्टी खत्म होने पर बीजेपी ने कुछ कॉमन फ्रेंड के जरिए मुझसे संपर्क किया. मैंने कुछ कॉमन दोस्तों के जरिए भी बीजेपी से संपर्क किया.
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने अब राजनीति में उतरने का फैसला किया है, क्योंकि टीएमसी ने उन्हें मैदान में आकर लड़ने की चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से खुश नहीं हैं और राज्य के लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं.
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा है कि वे कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद से इस्तीफा दे रहे हैं, यह उनकी अंतरात्मा की आवाज है. उन्होंने कहा," अब मुझे बड़े लोगों और बड़े क्षेत्र में जाना चाहिए. एक जज कोर्ट में आने वाले मामलों को ही देखता है, लेकिन हमारे देश में और हमारे राज्य पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ी संख्या में बहुत असहाय लोग हैं."