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एबीवीपी

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एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा एक अखिल भारतीय छात्र संगठन है. यह तीस लाख से अधिक सदस्यों के साथ भारत के सबसे बड़े छात्र संगठनों में से एक है (ABVP Total Members).

आरएसएस कार्यकर्ता बलराज मधोक ( RSS Activist Balraj Madhok) की पहल पर 1948 में स्थापित एबीवीपी को औपचारिक रूप से 9 जुलाई 1949 को पंजीकृत किया गया था (ABVP Founded and Registered). इसकी स्थापना विश्वविद्यालय परिसरों पर कम्युनिस्ट प्रभाव का मुकाबला करने के उद्देश्य से किया गया था. बॉम्बे में एक व्याख्याता यशवंत राव केलकर 1958 में इसके मुख्य आयोजक बने (Yashwant Rao Kelkar Main Organiser). एबीवीपी की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने संगठन को वह रूप दिया जिसमें आज नजर आता है. उन्हें 'एबीवीपी का असली वास्तुकार' माना जाता है (Real Architect of ABVP).

1970 के दशक में, एबीवीपी ने भ्रष्टाचार और सरकारी जड़ता जैसे निम्न मध्यम वर्गों से संबंधित मुद्दों को तेजी से आगे बढ़ाया. ABVP ने 1970 के दशक में JP आंदोलन के दौरान आंदोलनकारी राजनीति में अग्रणी भूमिका निभाई. इससे गुजरात और बिहार में छात्र कार्यकर्ताओं के बीच सहयोग स्थापित हुआ. एबीवीपी को आपातकाल के बाद इस तरह के प्रयासों से काफी फायदा हुआ और सदस्यता में भी इजाफा हुआ. 1974 तक, ABVP के 790 परिसरों में 1,60,000 सदस्य थे. इसने छात्र चुनावों के माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय सहित कई प्रमुख विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण स्थापित किया. 1983 तक, संगठन के 2,50,000 सदस्य और 1,100 शाखाएं थीं. 1990 के दशक के दौरान एबीवीपी का विकास हुआ, बाबरी मस्जिद विध्वंस और पी.वी. नरसिम्हाराव सरकार के आर्थिक उदारीकरण के कारण इसे अधिक समर्थन हासिल हुआ. 2003 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सत्ता में आने के बाद, यह 2016 तक इसकी सदस्यता में तिगुना इजाफा हुआ और यह 31,75,000 सदस्यों तक पहुंच गया. यह भारत का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का दावा करता है (ABVP History).

हालांकि एबीवीपी के प्रवक्ता जोर देकर कहते हैं कि एबीवीपी भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़ा नहीं है. वे इसे आरएसएस का "छात्र विंग" बताते हैं, लेकिन भाजपा को एबीवीपी के समर्थन आधार से काफी फायदा हुआ है. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित भाजपा के कई राजनेता एबीवीपी के माध्यम से ही राजनैतिक जीवन में आए थे (ABVP Links to BJP). 

2017 में, छात्र निकाय चुनावों में एबीवीपी को हार का सामना करना पड़ा था. इनमें दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ जैसी बड़ी युनिवर्सिटी शामिल थीं. ABVP दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र चुनावों में प्रमुख पदों पर जीत हासिल करके 2018 में फिर से उभरने में सफल रही (ABVP University Election).

एबीवीपी के घोषणापत्र में शैक्षिक और विश्वविद्यालय सुधार जैसे एजेंडा शामिल हैं (ABVP Activities). एबीवीपी की आधिकारिक पत्रिका राष्ट्रीय छात्रशक्ति है, जो नई दिल्ली में मासिक रूप से हिंदी में प्रकाशित होती है (Official ABVP Magazine Rashtriya Chhatrashakti).
 

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