एडिनो वायरस (Adenovirus) एक ऐसा वायरस होतै है जिनमें एक आइकोसाहेड्रल न्यूक्लियोकैप्सिड होता है जिसमें डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए जीनोम होता है. ये वायरस आमतौर पर हल्की सर्दी- या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बनते हैं. एडिनो वायरस किसी भी समय सभी उम्र के लोगों में फेल सकता है (Adenovirus spread in People).
एडिनो वायरस हल्के से गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है, हालांकि गंभीर बीमारी का अभी तक कोई पता नहीं चला है. यह कमजोर इम्यूनिटी या साँस की बीमारी या हृदय रोग वाले लोगों को एडिनो वायरस से गंभीर बीमारी होने का अधिक खतरा होता है (Adenovirus ).
एडिनो वायरस के लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं. इसमें भी बुखार, गला खराब होना, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, गुलाबी आँख, पेट या आंतों की सूजन के कारण दस्त, उल्टी, मतली और पेट दर्द के सामान्य लक्षण दिखते हैं (Adenovirus Symptoms).
यह प्रभावित व्यक्तिगत के संपर्क में आने से फैल सकता है. बीमार व्यक्ति को छूना या हाथ मिलाना, खांसने और छींकने से हवा
एडिनो वायरस वाली किसी वस्तु या सतह को छूना, फिर हाथ धोने से पहले अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से यह फैलता है (Adenovirus Transmission).
अभी दुनिया के कई देशों में MPox वायरस फैला है. लेकिन क्या आपको पता है कि धरती कितने वायरस मौजूद हैं. वैज्ञानिकों को संख्या पता है. धरती पर 10 नॉनिलियन वायरस मौजूद हैं. ये संख्या मिलियन, बिलियन के कहीं ऊपर है. 10 नॉनिलियन में जीरो गिनते-गिनते आप थक जाएंगे. कन्फ्यूज हो जाएंगे कि गिनती सही हो रही है या नहीं.
रूस की एक गुफा में मिले निएंडरथल मानवों की दो हड्डियों में आज के जमाने के वायरस मिले हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि इन वायरसों की वजह से आज जुकाम, कैंसर, यौन रोग आदि होते हैं. ये तीनों वायरस मानव इतिहास के सबसे पुराने वायरस हैं.
पूरी दुनिया में एक नया वायरस फैल रहा है. असल में नए वायरसों का समूह है. जिसे वैज्ञानिक माइरसवायरस (Mirusvirus) बुला रहे हैं. इन वायरसों ने दुनिया के सभी समुद्रों को संक्रमित कर दिया है. माना जा रहा है कि इनसे हर्पिस नाम की बीमारी का संबंध है.