अदिति सिंह, राजनेता
अदिति सिंह (Aditi Singh) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वह उत्तर प्रदेश राज्य के रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. वह उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा की सबसे कम उम्र की सदस्यों में से एक हैं. नवंबर 2021 में, वह उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुईं (Aditi Singh Joined BJP).
एक मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 2019 में, दिनेश प्रताप सिंह के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उन पर गुंडों ने हमला किया गया था.
अदिति सिंह का जन्म 15 नवंबर 1987 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था (Aditi Singh Age). उनके पिता अखिलेश कुमार सिंह कांग्रेस पार्टी के अलावा अन्य राजनीतिक दलों के टिकट पर रायबरेली सदर से पांच बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले प्रतिनिधि थे (Aditi Singh Father). उनकी कैंसर से 20 अगस्त 2019 को मृत्यु हो गई. अदिति ने संयुक्त राज्य अमेरिका में ड्यूक विश्वविद्यालय से प्रबंधन में डिग्री ली और उससे पहले उनकी स्कूली शिक्षा दिल्ली और मसूरी में हुई थी (Aditi Singh Education). वह अपने राजनीतिक जीवन से पहले से सामाजिक कार्यों में शामिल रही हैं
उन्होंने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से 90,000 से अधिक मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीता था (Aditi Singh MLA from Rae Bareli). भाजपा से संबंध के कारण उन्हें कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था (Aditi Singh Suspended from Congress), जिसके चलते 24 नवंबर को वह आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं. उनका विवाह नवांशहर निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधान सभा के विधायक अंगद सिंह सैनी से हुआ है (Aditi Singh Husband).
यूपी की रायबरेली सदर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अदिति सिंह ने साफ कर दिया है कि वह पार्टी से नाराज नहीं हैं. रायबरेली में पार्टी का उम्मीदवार कौन हो, ये पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है. नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनें यही इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है. वीडियो में देखें अदिति सिंह ने और क्या-क्या कहा?
पिछले दिनों रायबरेली में ऐसी घटनाएं हुईं हैं जिन्हें देखकर ऐसा महसूस किया जा रहा है कि बीजेपी ने जो दो मिसाइल (अदिति सिंह और मनोज पांडेय) तैयार किए थे वो लांच के लिए तैयार नहीं हैं. दोनों की नाराजगी के अपने अलग-अलग कारण हैं.
यूपी सरकार में स्वतंत्र राज्य मंत्री दिनेश सिंह रविवार को रायबरेली जिले के लालगंज पहुंचे. यहां वो प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मी राघवेंद्र सिंह के घर पहुंचे और 50 लाख की सहायता राशि दी. परिवार से कहा कि शहीद राघवेंद्र के नाम पर स्मारक और सड़क भी बनेगी.