अग्नि-5 (Agni-5) भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक भूमि-आधारित परमाणु-सक्षम ICBM है. मिसाइल की मारक क्षमता 7,000 किलोमीटर है. जबकि चीनी शोधकर्ताओं का आरोप है कि मिसाइल की मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर है.यह एक तीन फेज वाली, रोड-मोबाइल, ठोस ईंधन वाली बैलिस्टिक मिसाइल है.
अग्नि -5 मुख्य रूप से चीन के खिलाफ भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए है. हाल तक, भारत के पास सबसे लंबी दूरी की मिसाइल अग्नि-3 थी, जिसकी मारक क्षमता 3500 किमी थी.
भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर जाने वाले हैं. उससे पहले रूस के मीडिया संस्थान ने भारत की पांच परमाणु मिसाइलों की तारीफ की है. अपनी तरफ से एक वीडियो X पर डाला है. जिसमें इन मिसाइलों की उड़ान को दिखाया गया है. आप भी देखिए यह वीडियो और जानिए भारतीय परमाणु पंच के बारे में...
देश के मशहूर साइंटिस्ट और अग्नि मिसाइलों के जनक डॉ. राम नारायण अग्रवाल नहीं रहे. पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित डॉ. अग्रवाल को लोग प्यार से 'अग्नि अग्रवाल' भी कहते थे. इन्होंने ही भारत की लंबी दूरी की मिसाइलों का प्रोग्राम बनाया. साथ ही उन्हें बनाया भी. अग्नि सीरीज मिसाइल इन्हीं की शुरूआत थी.
Agni-V मिसाइल के परीक्षण के बाद पाकिस्तान डरा हुआ है. उसे लगता है कि भारत अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. या जल्द ही बढ़ाएगा. क्योंकि अग्नि-5 में लगी MIRV तकनीक के लिए ज्यादा हथियारों की जरूरत पड़ेगी. पाकिस्तान रक्षा विशेषज्ञ ने इस पर एक लेख लिखकर पाक के भय को उजागर किया है.
एक साथ 3 टारगेट पर हमला, सेंसर पैकेज, 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम... कितना खास है DRDO का मिशन दिव्यास्त्र
भारत ने अग्नि-5 मिसाइल के सफल परीक्षण से दुनिया को अपनी नई महाशक्ति दिखाई है. इस मिसाइल की रेंज पूरे एशिया, आधे यूरोप, रूस और यूक्रेन के साथ-साथ राजधानी बीजिंग समेत पूरे चीन को कवर करती है. भारत ने इस मिसाइल के सफल परीक्षण से अपनी सुपर पावर वाली छवि को मजबूत किया है. पीएम मोदी ने इस खुशखबरी को देश के साथ साझा किया. जानें डिटेल्स.
भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री (MIRV) तकनीक के साथ अग्नि-5 (Agni-V) मिसाइल विकसित की है. इसे दिव्यास्त्र मिशन नाम दिया गया है. यह मिसाइल एक साथ कई सौ किलोमीटर में फैले 3 टारगेट को निशाना बना सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है. 2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया था.