अहमद शाह बहादुर (Ahmed Shah Bahadur) (1725-1775) मुगल साम्राज्य के 13वें सम्राट थे, जिन्होंने 1748 से 1754 तक शासन किया. वे मुगल सम्राट मुहम्मद शाह रंगीला के पुत्र थे और उनके शासनकाल को अयोग्यता और अराजकता के लिए जाना जाता है.
मुहम्मद शाह की मृत्यु के बाद, अहमद शाह बहादुर को 1748 में मुगल सिंहासन सौंपा गया. उनकी मां, कुदसिया बेगम, और वजीर गाजीउद्दीन इमाद-उल-मुल्क उनके शासन में प्रमुख हस्तियां थीं. हालांकि, उनकी अक्षमता के कारण साम्राज्य में अस्थिरता बढ़ गई.
अहमद शाह बहादुर को युद्ध और प्रशासन में कोई रुचि नहीं थी. वे विलासिता और दरबारी षड्यंत्रों में अधिक लिप्त रहते थे. इस दौरान, मराठों और अफगानों ने दिल्ली पर दबाव बढ़ा दिया, जिससे मुगल साम्राज्य की स्थिति और खराब हो गई.
गाजीउद्दीन इमाद-उल-मुल्क, जो उनके प्रधानमंत्री थे, ने अहमद शाह बहादुर को हटाने की योजना बनाई. 1754 में, उन्होंने सम्राट को गद्दी से बेदखल कर दिया और उन्हें अंधा कर दिया. इसके बाद, अहमद शाह बहादुर को दिल्ली से दूर मेवात भेज दिया गया, जहां उन्होंने अपना शेष जीवन निर्वासन में बिताया.
अहमद शाह बहादुर की मृत्यु 1775 में हुई. उनका शासनकाल मुगल साम्राज्य के पतन का एक महत्वपूर्ण अध्याय था, जो बताता है कि कमजोर नेतृत्व कैसे एक समृद्ध साम्राज्य को संकट में डाल सकता है.