अजीत डोभाल (पूर्व आईपीएस अधिकारी)
अजीत कुमार डोभाल (Ajit Doval Former IPS Officer) एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं (National Security Advisor). उन्होंने 30 मई 2014 को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अपना पद ग्रहण किया था. साल 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भी उन्हें एनएसए नियुक्त किया गया.
साल 2014 में इराक के तिकरित के एक अस्पताल में फंसी 46 भारतीय नर्सों (Indian nurses trapped in Iraq hospital) को सुरक्षित भारत वापस लेकर आने का पूरा श्रेय अजीत डोभाल को जाता है.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस IPS) के एक सेवानिवृत्त सदस्य होने के नाते, डोभाल ने ऑपरेशन विंग के प्रमुख के रूप में एक दशक से अधिक समय बिताने के बाद 2004-2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के रूप में भी काम किया है ( Director Intelligence Bureau).
अजीत कुमार डोभाल का जन्म 20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल (Born in Pauri Garhwal, Uttarakhand) के गिरि बनल्स्युन गाँव में हुआ था. उनके पिता मेजर गुनानाद डोभाल एक भारतीय सेना अधिकारी थे(Doval Family). अजीत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के अजमेर में किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अजमेर मिलिट्री स्कूल)( Ajmer Military school) से प्राप्त की और 1967 में आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और मास्टर डिग्री पूरी की. (Doval Education)
अजीत डोभाल ने वर्ष 1972 में अरुणी डोभाल के साथ शादी की (Doval Wife). इनके दो बेटे हैं, शौर्य डोभाल और विवेक डोभाल. (Ajit Doval Sons)
मीडिया में भारत के वास्तविक जीवन के जेम्स बॉन्ड के रूप में लोकप्रिय, डोभाल कई शीर्ष-गुप्त मिशनों और राष्ट्र की सुरक्षा से संबंधित कई खुफिया अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं. वर्ष 1971 का थालास्सेरी दंगा से लेकर (Thalassery riots of 1971), 1971 से 1999 तक इंडियन एयरलाइंस के विमानों के अपहरण, (hijackings of Indian Airlines aircraft) या आतंकवाद विरोधी अभियान तक, वह सभी का हिस्सा रहे हैं. उन्हें पाकिस्तान के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में ‘रक्षात्मक' से 'रक्षात्मक आक्रामक' (‘Defensive' to 'Defensive Offensive) के साथ-साथ 'डबल स्क्वीज़ स्ट्रैटेजी' (Double Squeeze Strategy) में सैद्धांतिक बदलाव के लिए प्रमुख व्यक्ति माना जाता है.
अजीत डोभाल, भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार (शांति काल) और कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. अजीत, सैन्य सम्मान पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं. (First police officer to receive a military honour)
पाकिस्तान ने तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण पर पहला बयान दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि राणा ने दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेज रिन्यू नहीं किए हैं और उसकी नागरिकता कनाडा की है. VIDEO
तहव्वुर राणा को लेकर एनएसए अजीत डोभाल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है, ये मुलाकात नॉर्थ ब्लॉक में गृहमंत्रालय में हुई है, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी बैठक में मौजूद थे, ये बैठक करीब 22 मिनट तल चली...माना जा रहा है कि ये मुलाकात तहव्वुर राणा को लेकर हुई है...आपको बता दें कि तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. यह अहम बैठक नॉर्थ ब्लॉक स्थित गृह मंत्रालय कार्यालय में हुई. सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक करीब 22 मिनट तक चली, जिसमें तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और उससे जुड़े रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा हुई.
अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक तुलसी गबर्ड भारत दौरे पर हैं. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर इस्लामिक जिहाद को हराएंगे. खुफिया साझेदारी और गहरी होगी. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती से रिश्ते मजबूत होंगे. भारत ने खालिस्तानी समर्थकों पर चिंता जताई.
अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड ने मुलाकात के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जिनमें भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक भागीदारी के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग पर चर्चा भी शामिल थी.
अजीत डोभाल और तुलसी गबार्ड ने मुलाकात के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जिनमें भारत-अमेरिका वैश्विक रणनीतिक भागीदारी के लिए इंटेलिजेंस शेयरिंग पर चर्चा भी शामिल थी.
अजीत डोभाल ने हिंदू परंपरा का उदाहरण देते हुए कहा कि धर्म-आधारित संघर्षों को शास्त्रार्थ और ध्यान के माध्यम से हल किया गया. उन्होंने कहा कि धर्म और विचारधाराएं प्रतिस्पर्धी होती हैं, अगर वे प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगी, तो वे ठहराव का शिकार हो जाएंगी और अंततः नष्ट हो जाएंगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी NSA जेक सुलिवन से की मुलाकात, रमेश बिधूड़ी के बयान पर भड़के मनीष सिसोदिया, कहा, महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करना BJP का चरित्र, पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में SIT का एक्शन, हैदराबाद से मुख्य आरोपी गिरफ्तार, देखें टॉप हेडलाइंस.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हाल ही में स्पेशल रिप्रेंजेंटेटिव लेवल की बातचीत हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दों और सैन्य डिसइंगेजमेंट पर चर्चा करना था. बातचीत के बाद, दोनों देशों ने छह सूत्रीय सहमति बनाई, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करना शामिल है.
भारत-चीन की कहानी अब देपसांग-डेमचोक से आगे बढ़ चुकी है. कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू हो रही है. नाथूला से व्यापार शुरू होगा. सीमाओं को पार करने वाली नदियों को लेकर सहयोग बढ़ेगा. समझिए NSA अजित डोभाल की चीन यात्रा से कौन से छह अहम सूत्र क्या निकले... अब तक झगड़ा क्यों हो रहा था?
भारत-चीन एसआर डायलॉग में सीमा विवाद को सुलझाने और आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीमा व्यापार पर भी चर्चा हुई.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन के साथ सीमा विवाद मुद्दों पर विदेश मंत्री वांग यी से चर्चा करेंगे. डोभाल की इस यात्रा का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख पर सैन्य गतिरोध की वजह से चार से अधिक साल से मंद पड़ी द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करना है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल चीन के साथ सीमा विवाद मुद्दों पर विदेश मंत्री वांग यी से चर्चा करेंगे. डोभाल की इस यात्रा का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख पर सैन्य गतिरोध की वजह से चार से अधिक साल से मंद पड़ी द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करना है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच आज बीजिंग में होने वाली वार्ता खासतौर से भारत-चीन सीमा विवादों के समाधान पर केंद्रित है. ये वार्ता लद्दाख में पेट्रोलिंग शुरू करने और एलएसी के विवादित क्षेत्रों के समाधान की दिशा में एक अहम हो सकती है.
भारत और चीन सीमा के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की यह बैठक 17 और 18 दिसंबर को होगी. इस दौरान डोभाल चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ चर्चा करेंगे. इस यात्रा को दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
भारत और चीन सीमा के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की यह बैठक 17 और 18 दिसंबर को होगी. इस दौरान डोभाल चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ चर्चा करेंगे. इस यात्रा को दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
भारत के एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता आयोजित होने जा रही है. यह वार्ता गलवान संघर्ष के बाद पहली बार हो रही है, इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच एलएसी पर स्थायी समाधान खोजना है.
कनाडा सरकार ने स्पष्टीकरण देकर कहा है कि देश में किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की कोई भूमिका नहीं है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय इच्छाशक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और विकास के लिए एक मजबूत और संकल्पित राष्ट्रीय इच्छाशक्ति आवश्यक है. यह केवल राजनीतिक या सैन्य शक्ति से ही नहीं, बल्कि समाज की समग्र भागीदारी से ही संभव होता है.
सोशल मीडिया के प्रभाव पर डोभाल ने कहा- सोशल मीडिया की विश्वसनीयता अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है. आपको सोशल मीडिया पर उन कहानियों को खोजने और उजागर करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो पूरी तरह से और स्पष्ट झूठ दिखाती हैं. सोशल मीडिया का उपयोग करके सोशल मीडिया पर फैल रहे फेक न्यूज का मुकाबला करने की जरूरत है.
भारत-कनाडा के रिश्तों में आई तल्खी के बीच कहा जा रहा है कि इस पूरे मामले पर सिंगापुर में एनएसए अजीत डोभाल ने कनाडाई अधिकारियों से मुलाकात की थी, जिसमें उसके मंत्री और अधिकारी शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने निज्जर हत्याकांड की जांच और इससे भारत की संलिप्तता की जानकारी सामने आने की बात बताई थी.